भोपाल .गृह िनर्माण सहकारी समितियों के नाम पर जनता से करोड़ों की धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार के अाराेपी 10 भूमाफिया की अग्रिम जमानत अदालत ने नामंजूर कर दी है। सरकार की मुहिम के चलते ज्यादतर भू-माफिया ने गिरफ्तारी से बचने के लिए शहर छोड़ दिया है। पुलिस भी लगातार इनकी गिरफ्तारी के प्रयास कर रही है। िजन भूमाफिया के खिलाफ अलग-अलग थानों में मामले दर्ज हैं, वे पुलिस की पहुंच से दूर है। जिनकी गिरफ्तारी हो चुकी है, उन्हें भी कोर्ट ने जमानत देने से इंकार कर दिया है। पंचसेवा गृह िनर्माण सहकारी संस्था की 75 करोड़ की जमीन पर धोखाड़ी करने वाले संस्था के अध्यक्ष और बिल्डर अशोक गोयल और उनके बेटे अंचित गोयल के खिलाफ रातीबड़ पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है। पुलिस को धोखाधड़ी, अमानत में खयानत और आपराधिक षडयंत्र के मामले में 18 श्यामला हिल्स निवासी अशोक और अंचित की तलाश है। दोनों ने गिरफ्तारी से बचने अग्रिम जमानत लगाई थी। पुलिस ने अदालत में आशंका जताई कि ये दोनों जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं। जमानत मिलने पर साक्ष्य प्रभावित कर सकते है। न्यायाधीश चंद्रदेव शर्मा ने जमानत नामंजूर करते हुए लिखा कि वर्तमान समय में सहकारी समितियों द्वारा सदस्यों के साथ की जा रही धोखाधड़ी की घटनाओं को देखते हुए अशोक और अंचित को अग्रिम जमानत दिया जाना उचित प्रतीत नहीं होता है। अलग-अलग थानों में दर्ज हैं मामले ... कुछ आरोपी अभी पुलिस की गिरफ्त से दूर गौरव गृह िनर्माण समिति में हुए करोड़ों के भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी के मामले में शाहपुरा पुलिस ने शिशिर खरे, अनीता विष्ट आैर प्रेमसिंह जायसवाल के खिलाफ मामला दर्ज किया है। इस मामले में आरोपी प्रेम सिंह को पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है। वर्तमान में वह जेल में है। वहीं मामले के दो आरोपियों की ओर से अग्रिम जमानत की अर्जी पेश की गई है। तीनों की जमानत नामंजूर हो गई है। कामधेनु गृह निर्माण सहकारी संस्था मर्यादित भोपाल में प्लाटों के नाम पर हुए करोड़ों के भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी के मामले में बागसेविनयां पुलिस को बिल्डर बृजेश शुक्ला की तलाश है। इस मामले में गिरफ्तार राहुल सिंह और अभय ओझा 19 दिसंबर से जेल में है। शुक्ला की अग्रिम जमानत अर्जी न्यायाधीश संदीप शर्मा की अदालत ने खारिज कर दी है। कावेरी गृह निर्माण सहकारी संस्था के अध्यक्ष खालिद खान और उपाध्यक्ष कुलदीप मुदगल के खिलाफ कोलार पुलिस ने करोड़ों रुपए की धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है। दोनों की अग्रिम जमानत अर्जी न्यायाधीश कविता वर्मा की कोर्ट से नामंजूर हो चुकी है। रोहित गृह िनर्माण सोसायटी में प्लाटों के नाम पर करोड़ों रुपए की धोखाधड़ी करने के मामले में जेल गए भू माफिया घनश्याम सिंह राजपूत की जमानत अदालत से नामंजूर हो चुकी है। स्वजन गृह िनर्माण समिति के रमेश पटेल के खिलाफ मिसरोद पुलिस ने धोखाधड़ी व गबन का मामला दर्ज किया है। रमेश पटेल ने गिरफ्तारी से बचने अग्रिम जमानत की अर्जी लगाई थी। न्यायाधीश संदीप शर्मा की कोर्ट से उसकी अग्रिम जमानत नामंजूर हो चुकी है। किस सोसायटी की कितनी शिकायतें कामधेनु-41 रोहित- 20 कावेरी-4 पंचसेवा-4

इंदौर .प्रशासन ने सहकारी संस्थाओंकाे लेकर गुरुवार काे खुली जनसुनवाई की। इसमें ग्रेटर ब्रजेश्वरी संस्थाके पीड़ितों ने संस्था के संचालक नितिन अग्रवाल पर धोखाधड़ी के आरोप लगाए। कहा कम जमीन होने के बाद भी ज्यादा प्लॉट काट दिए। विकास शुल्क लिया, पर जमा नहीं किया। छह करोड़ रुपए की धोखाधड़ी की। मृतकों के नाम फर्जी हस्ताक्षर कर नक्शे बदले।



कलेक्टर लोकेश कुमार जाटव ने जनसुनवाई में ही अपना पक्ष रखने आए अग्रवाल को पकड़ने के आदेश दिए। अग्रवाल जैसे ही बाहर निकला, नायब तहसीलदार मनीष श्रीवास्तव ने उसे पुलिस को सौंप दिया। बाद में रावजी बाजार पुलिस ने अग्रवाल के खिलाफ शांति भंग की आशंका में इस्तागासा पेश किया। इस पर एसडीएम शाश्वत शर्मा ने 50 हजार रुपए के बाउंडओवर पर उसे छोड़ दिया। एसडीएम ने बताया कि अग्रवाल बाउंडओवर शर्तों का उल्लंघन करेंगा तो सीधे जेल जाएगा।


सभी संस्थाओं में सबसे बड़ी समस्या वरीयता सूची में हेरफेर की


कलेक्टर ने विकास अपार्टमेंट, कविता, ग्रेटर ब्रजेश्वरी, गीता नगर, श्रीराम कृपा संस्था के सदस्यों की शिकायत सुनी। सभी का आरोप था कि संस्था संचालकों ने मनमानी करते हुए वरीयता सूची में खेल किया। सहकारिता विभाग में जो भी नए अधिकारी आए, उन्होंने संस्था संचालकों के साथ मिलकर हर बार अपने हिसाब से वरीयता सूची तैयार कर दी। इसके चलते कई मामले ट्रिब्यूनल तो कई हाई कोर्ट चले गए। इसी विवाद के कारण सदस्यों को प्लॉट नहीं मिला।


इन संस्थाओं की शिकायतें... अपात्राें काे बनाया सदस्य, नक्शे में की गड़बड़



विकास अपार्टमेंट : वरीयता सूची गड़बड़ है। कई अपात्रों को सदस्य बना दिया है। विकास शुल्क 1988 में ही जमा कर दिया था। आईडीए से भी सूची लेना है। कुछ जमीन अन्य लोगों को लीज पर दे दी गई है। इसका केस हाई कोर्ट में है।


गीता नगर : 34 साल से सदस्यों के पास रजिस्ट्री नहीं है। नक्शा भी संशोधित होना है। आईडीए के साथ भी विवाद है।


ग्रेटर ब्रजेश्वरी : प्लॉट 108 हैं, लेकिन रजिस्ट्री ज्यादा हैं। नक्शे में खेल कर ज्यादा प्लॉट निकाल दिए। अवैध कॉलोनी को नियमित कराना है।


श्रीराम कृपा : वरीयता सूची में कई नाम हटा दिए। आईडीए को भी सदस्यों की सूची भेजी है। पात्र सूची आईडीए को भेजना है। अपात्रों को हटाना है। एरिया भी कम कर दिया है।



कविता : पार्श्वनाथ नगर स्कीम 114 में विवाद है। वरीयता सूची में गड़बड़ी की है। सहकारिता विभाग ने कई जगह अनियमितता की है। तीन एकड़ जमीन भी खरीदी थी, जिसका अता-पता नहीं है।