पीएम मोदी द्वारा राम मंदिर ट्रस्ट के नाम के ऐलान के बाद गृह मंत्री अमित शाह ने ट्रस्ट के 15 सदस्यों की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि इसमें एक ट्रस्टी हमेशा दलित समाज से रहेगा.
- अमित शाह ने किया राम मंदिर ट्रस्ट के सदस्यों की संख्या का ऐलान
- शाह ने कहा- श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट में 15 ट्रस्टी होंगे
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट में 15 ट्रस्टी होंगे, जिसमें एक ट्रस्टी हमेशा दलित समाज से रहेगा. यह ऐलान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने किया. उन्होंने बुधवार को ट्वीट करके कहा कि सामाजिक सौहार्द को मजबूत करने वाले ऐसे अभूतपूर्व निर्णय के लिए मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अनेक अनेक बधाई देता हूं.
अमित शाह ने अपने ट्वीट में लिखा, 'भारत की आस्था और अटूट श्रद्धा के प्रतीक भगवान श्रीराम के मंदिर के प्रति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रतिबद्धता के लिए मैं उनका कोटि-कोटि अभिनन्दन करता हूं. आज का यह दिन समग्र भारत के लिए अत्यंत हर्ष और गौरव का दिन है.'राम मंदिर ट्रस्ट के ऐलान के बाद बीजेपी सांसद गिरिराज सिंह ने कहा, ‘..आज मेरा ही नहीं बल्कि हमारे पूर्वजों का सपना पूरा हुआ है, हमारे भाई जो शहीद हुए थे उनका सपना पूरा हुआ. कोर्ट के फैसले के बाद ओवैसी जैसे लोग राम मंदिर निर्माण में रोड़ा अटका रहे थे, लेकिन पीएम मोदी ने सभी भक्तों के सपनों को पूरा किया. आज भारतवंशी, राम के भक्तों का सीना फूलकर 56 नहीं 556 इंच चौड़ा हो गया है.’
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, ' श्रीराम जन्मभूमि पर सर्वोच्च न्यायालय के आदेशानुसार आज भारत सरकार ने अयोध्या में प्रभु श्री राम के भव्य मंदिर के निर्माण की दिशा में अपनी कटिबद्धता दिखाते हुए श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र नाम से ट्रस्ट बनाने का ऐतिहासिक निर्णय लिया है.'
अमित शाह से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को लोकसभा को जानकारी दी कि कैबिनेट ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट गठित करने का प्रस्ताव पास किया है. उन्होंने बताया कि ये ट्रस्ट अयोध्या में भगवान श्रीराम की जन्मस्थली पर भव्य और दिव्य श्रीराम मंदिर के निर्माण और उससे जुड़े विषयों पर निर्णय लेने के लिए पूर्ण रूप से स्वतंत्र होगा. पिछले साल सुप्रीम कोर्ट ने नौ नवंबर को राम मंदिर मसले पर ऐतिहासिक फैसले के दौरान सरकार को ट्रस्ट गठित करने का निर्देश दिया था.
बीजेपी के एजेंडे में रहा है मंदिर निर्माण’
गिरिराज सिंह के अलावा राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा ने भी फैसले पर खुशी जताई. राकेश सिन्हा बोले कि सुप्रीम कोर्ट ने समयसीमा तय की थी, उसके तहत ही पीएम ने ऐलान किया है. पीएम की ओर से सभी से सहयोग की अपील की गई है, इसे राजनीति से वही लोग जोड़ते हैं जो भगवान राम को अस्मिता का प्रतीक नहीं मानते हैं. बीजेपी के एजेंडे में हमेशा राम मंदिर का मुद्दा रहा है, ऐसे में ये घोषणा हमारे लिए नई नहीं है. बीजेपी सांसद ने कहा कि हम इस फैसले को राजनीति से नहीं जोड़ना चाहते हैं.
राम मंदिर आंदोलन से जुड़े हिंदू महासभा के प्रमुख चक्रपाणी ने भी इस फैसले का स्वागत किया. उन्होंने कहा कि सदियों से श्रीराम लला का जो टेंटवास चल रहा था, वो अब खत्म होगा. पीएम मोदी ने जो ट्रस्ट का ऐलान किया है, उसके लिए सभी राम भक्तों को बहुत-बहुत बधाई.
शिवसेना की ओर से भी केंद्र सरकार के इस ऐलान का स्वागत किया गया है. महाराष्ट्र में कांग्रेस के साथ सरकार में शामिल शिवसेना की ओर से कहा गया कि सुप्रीम कोर्ट ने राम मंदिर को लेकर फैसले का ऐलान किया था, ऐसे में केंद्र सरकार की ड्यूटी थी कि इसका ऐलान करे. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने अपने बयान में कहा कि वह इस फैसले के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बधाई देते हैं.