जबलपुर (रजनीश शुक्ला). दुष्कर्म के मामलों में डीएनए टेस्ट नहीं कराने पर हाईकोर्ट की फटकार के बाद सरकार ने दोषी पुलिस अधिकारियों एवं कर्मचारियों के खिलाफ की गई कार्रवाई की रिपोर्ट बुधवार को पेश की। इसमें बताया कि प्रदेश में एक जुलाई 2018 और 31 मार्च 2019 कुल 4359 दुष्कर्म के प्रकरण दर्ज हुए।
इनमें से 763 मामलों में पुलिस ने कोर्ट में चालान पेश करने से पहले डीएनए टेस्ट रिपोर्ट नहीं मंगाई। इन मामलों में 1235 दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई कर दी गई है। सरकार ने जो सूची पेश की थी उसमें केवल एक अधिकारी के हस्ताक्षर थे। हाईकोर्ट ने इस पर नाराजगी जाहिर करते हुए पूछा कि कार्रवाई की सूचना का सोर्स क्या है। जस्टिस जेपी गुप्ता की एकलपीठ ने सरकार को उन अधिकारियों के हस्ताक्षर सहित जिलेवार रिपोर्ट पेश करने कहा, जिन्होंने रिपोर्ट तैयार की है। अगली सुनवाई 4 सप्ताह बाद होगी।
हाईकोर्ट ने 9 अगस्त को सरकार को कहा था कि इस मामले में दोषी पुलिस अधिकारियों की सूची पेश करें और बताएं कि उनके खिलाफ क्या कार्रवाई की जा रही है। सरकार ने कोर्ट को बताया था कि 763 दुष्कर्म मामलों में 1235 पुलिस अधिकारियों को दोषी मानकर उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया है।
दरअसल, दुष्कर्म के मामलों में डीएनए रिपोर्ट पेश करने संबंधी आदेश की अवहेलना पर कोर्ट ने पूर्व में पुलिस विभाग को कड़ी फटकार लगाई थी। कोर्ट ने 3 अप्रैल 2019 को डीजीपी को हलफनामे पर यह बताने कहा था कि जून 2018 के बाद हुए दुष्कर्म के कितने मामलों में जांच अधिकारियों ने ट्रायल कोर्ट में डीएनए रिपोर्ट पेश नहीं की है। कोर्ट ने यह बताने भी कहा है कि इन मामलों में कौन जांच अधिकारी थे और किन अधिकारियों पर चालान पेश करने की जिम्मेदारी थी। कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा था कि समाज में कानून का राज स्थापित करना है ताकि लोगों को न्याय मिल सके न कि पुलिस का राज।
ये था हाईकोर्ट का आदेश
हाईकोर्ट ने 4 मई 2016 में पुलिस महकमे को दुष्कर्म के प्रकरण में डीएनए टेस्ट के संबंध में गाइडलाइन बनाने और इसके अनुपालन के लिए मेकानिज्म तैयार करने के निर्देश दिए थे। हाईकोर्ट ने कहा था कि दुष्कर्म के मामलों में जांच के दौरान पुलिस के पास डीएनए टेस्ट एक सबसे मजबूत हथियार है। कोर्ट ने डीजीपी को इस संबंध में प्रदेश भर के पुलिस अधीक्षकों को आदेश का अक्षरश: पालन कराने के निर्देश दिए थे। अप्रैल माह में दुष्कर्म के एक प्रकरण में सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पाया कि पुलिस ने डीएनए रिपोर्ट पेश किए बिना ही ट्रायल कोर्ट में चालान पेश कर दिया। कोर्ट ने पाया कि पुलिस अधिकारियों को दिशा निर्देश देने के अलावा विभाग ने कोई मेकानिज्म तैयार नहीं किया।
9 महीने मेंकुल मामले
- 4359 कुल दुष्कर्म के प्रकरण
- 763 मामलों में चालान पेश
- हाईकोर्ट में अब 4 सप्ताह बाद होगी इन मामलों में अगली सुनवाई