भोपाल.राम वन गमन पथ बनवाने के लिए सरकार अब आम लोगों से भी सहयोग लेगी। इसके लिए ट्रस्ट बनाया जाएगा, जिसमें साधु-संतों को जोड़ा जाएगा। इसी ट्रस्ट के माध्यम से लोगों से आर्थिक सहयोग लेकर सरकार राम वन गमन पथ तैयार कराएगी। प्रोजेक्ट की समीक्षा करते हुएमुख्यमंत्री कमलनाथ ने इसका दायित्व सड़क विकास निगम को सौंपने काे कहा है।पहले चरण में 30 किलोमीटर अमरकंटक और 30 किलोमीटर चित्रकूट क्षेत्र से पथ का सर्वे कर निर्माण कार्य प्रारंभ किया जाएगा।
उच्च स्तरीय दल श्रीलंका जाएगा
मुख्यमंत्री ने श्रीलंका में सीता माता के मंदिर तथा सांची में अंतर्राष्ट्रीय स्तर बौद्ध दर्शन केन्द्र विकसित करने की समीक्षा करते हुए निर्देश दिए कि अधिकारियों का उच्चस्तरीय दल श्रीलंका सरकार से चर्चा कर सीता मंदिर निर्माण कार्य को अंतिम रूप दें। गया भी अधिकारियों का दल जाए और वहां के अनुभवों के आधार पर शीघ्र एक प्रोजेक्ट प्रस्तुत करें। यह दोनों कार्य समय-सीमा में शुरू करने के निर्देश भी उन्होंने दिए।मुख्यमंत्री ने कहा कि सांची में भी जो कार्य किए जाने है उसकी प्रोजेक्ट रिपोर्ट 10 दिन में तैयार करें और 30 दिन में क्या काम किए जाने हैं इसे अंतिम रूप दिया जाए। उन्होंने सांची बौद्ध अध्ययन केन्द्र, प्रशिक्षण केन्द्र सहित अन्य कार्यों के संबंध में जपान तथा श्रीलंका सहित अन्य बौद्ध धर्म के प्रति आस्था रखने वाले देशों के प्रतिनिधियों से भी चर्चा करने को कहा। इसके आधार पर योजना बनाने के निर्देश दिए।
राम वन गमन पथ
यह मार्ग करीब 350 किमी का है। राम वन गमन पथ चित्रकूट से शुरू होकर अमरकंटक तक बनाया जाना प्रस्तावित है। प्रोजक्ट रिपोर्ट में यह पथ पन्ना, कटनी, जबलपुर, मंडला, डिंडोरी, शहडोल और अमरकंटक सहित कुल 9 स्थान चिह्नित किए गए हैं। 350 किमी के प्रस्तावित इस मार्ग के लिए केवल 22 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है, जबकि इस पर 600 करोड़ रुपए से ज्यादा के खर्चे का अनुमान है। आज मुख्यमंत्री ने इस पथ को बनाने के लिए लोगों से सहयोग लेने की बात कही है।