इंदौर .सहकर्मी से यौन शोषण के आरोप में फरार सहकारिता उपायुक्त राजेश क्षत्री की पत्नी और बच्चे गुरुवार को डीआईजी रुचिवर्धन मिश्र से मिलने पहुंचे। पत्नी का कहना था उसके पति को किसी भूमाफिया ने फंसाया है। क्षत्री की पत्नी ने तर्क दिया, महिला ने चार महीने क्यों सहा? दो लोगों के मैसेज आपस में होते हैं तो उसे भी आरोपी बनाया जाना चाहिए था। पति के खिलाफ गलत धाराएं लगाई हैं।
क्षत्री की बेटी भी चीखकर बोलने लगी कि कोई मुझे मैसेज करेगा तो उसकी तुरंत शिकायत करूंगी या ब्लॉक कर दूंगी। शिकायत करने वाली महिला गलत है। इस दौरान क्षत्री की पत्नी रोने लगी। तर्क सुनकर डीआईजी ने कहा, पहले अपने पति द्वारा उस महिला को भेजे गए मैसेज पढ़ लो।
डीआईजी ने कहा- आपको गलत लगता है तो कोर्ट जाओ
डीआईजी ने कहा कोई महिला चार महीने से सह रही थी और आपको मलाल नहीं है। आप पति का मोबाइल जब्त करवाओ। हमें जांच करना है। आपको लग रहा है कि गलत धाराएं लगाई हैं तो कोर्ट में चैलेंज करो। आपकी बेटी भी है। यदि उसके साथ कोई ऐसा करता तो क्या करते? आप अपने पति की जानकारी दो, गिरफ्तारी करना है।
अनुशासनहीनता का नोटिस
राजेश कुमार क्षत्री को निलंबित किए जाने के बाद भोपाल मुख्यालय में अटैच किया था। वहां आमद दर्ज कराने के बजाय वह नदारद हो गया। गुरुवार को उसे सहकारिता विभाग के आयुक्त ने अनुशासनहीनता का नोटिस जारी किया है।