गुजरात दंगे के दोषियों को बेल कैसे मिल जा रही?

गुजरात के सरदारपुरा दंगा मामले में 14 दोषियों को ज़मानत देने का सुप्रीम कोर्ट का फ़ैसला चौंकाने वाला है.


इन लोगों को पूरी सुनवाई के बाद साल 2002 के दंगों में 33 बेकसूर मुसलमानों को ज़िंदा जलाने का दोषी पाया गया था. मरने वालों में 17 महिलाएं और दो बच्चे थे. इस मामले में 56 लोग (हिंदू) अभियुक्त थे. सभी को दो महीने के अंदर इस जनसंहार में ज़मानत मिल गई.


इस मामले में सुप्रीम कोर्ट को गुजरात में न्यायिक सुनवाई में गड़बड़ी का अहसास हुआ था तो सरदारपुरा समेत आठ मामलों की जांच के लिए एसआईटी, स्पेशल पब्लिक प्रॉसिक्युटर और अलग से जजों को नियुक्त किया गया था.


आख़िरकार 31 लोगों को ट्रायल कोर्ट में दोषी ठहराया गया और उन्हें उम्र क़ैद की सज़ा मिली. इसके बाद हाई कोर्ट में इस फ़ैसले को चुनौती दी गई और 31 में से 14 की उम्र क़ैद की सज़ा बरकरार रही थी.


सामान्य हालात में इन मामलों में तब तक ज़मानत नहीं दी जा सकती जब तक कि सुप्रीम कोर्ट अपीलों पर फ़ैसला नहीं सुनाता है.