ईरान अब भी यूक्रेन के यात्री विमान 'हादसे' में मारे गए अपने लोगों को लेकर ग़म में डूबा हुआ है. हालांकि वहां के सरकारी मीडिया में इसे ज़्यादा तवज्जो नहीं दी जा रही है. दुर्घटनाग्रस्त यूक्रेनी विमान पर सवार 176 लोगों में 82 ईरान के थे.
बग़दाद में अमरीकी हवाई हमले में मारे गए ईरानी जनरल क़ासिम सुलेमानी के लिए ईरानी मीडिया का लगाव दीवानगी की हद तक बना हुआ है. क़ासिम सुलेमानी को ईरानी मीडिया में अक्सर 'लोगों के दिलों का कमांडर' बताया जा रहा है.
उन्होंने ईरान की एलीट क़ुद्स फ़ोर्स की 20 साल से ज़्यादा समय तक अगुवाई की. ये एलीट क़ुद्स फ़ोर्स ईरान के इस्लामिक रिवॉल्यूशनरी गार्ड्स का एक हिस्सा है. क़ासिम सुलेमानी की शख़्सियत का अंदाज़ा इस बात से भी लगया जा सकता है कि उन्हें देश का सर्वोच्च सैनिक सम्मान मिला था.
यहां तक कि मौत के बाद उन्हें लेफ़्टिनेंट जनरल के रैंक का प्रमोशन दिया गया. आठ सालों तक चले ईरान-इराक़ युद्ध (1980-88) के दौरान वे 41 साराल्लाह ब्रिगेड के कमांडर के तौर पर लड़े. मौत के बाद जनरल क़ासिम सुलेमानी का क़द ईरानी मीडिया में एक राष्ट्रीय हीरो से शिया क़ौम के मज़हबी लेजेंड के तौर पर पेश किया जाने लगा है.
सुलेमानी की ये इबादत ईरान की क्षेत्रीय महत्वाकांक्षाओं के लिए भी मुफ़ीद बैठती है, क्योंकि इससे आंतरिक मतभेदों को कम करने में मदद मिल रही है. फ़रवरी में ईरान में चुनाव होने हैं. ऐसे समय में सुलेमानी की मौत ने ईरान के कट्टरपंथियों और रूढ़िवादियों के बीच एकता का संदेश दिया है.